Jaipur Me ghumne Ki Jagah For Couples

villageboyamar49
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हेलो दोस्तों जयपुर में घूमना है ,तो में आपके लिए कुछ फेमस जगह के बारे में बताउगा जहा आप पति – पत्नी आराम से घूम सकते हो और दोस्तों आपको जयपुर की फेमस मिठाई के बारे में जानना है तो मेने उस पर भी आर्टिकल लिख दिया है

(1) आमेर का किला

  • जयपुर शहर में बना आमेर का किला विदेशियों के लिए नहीं बल्कि भारतीयों के लिए भी पर्यटन का प्रमुख आकर्षण केंद्र बना हुआ है वास्तव में देखा जाए तो जयपुर शहर पिछले समय का पूर्वज है आमेर का किला भी यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है

किले का संक्षिप्त इतिहास :-

  • आपको तो पता ही होगा कि किले अक्षर पहाड़ी की चोटियों पर बने होते हैं जिस पहाड़ी पर अमेरिका किला बना हुआ है उसे किले को चीलों का टीला कहा जाता है कहने का मतलब यह है कि वह पहाड़ी जिस पर चील रहते हैं
  • इसका निर्माण सबसे पहले 10वी ईस्वी में मीनाओ द्वारा किया गया था जिन्हें अब आदिवासी के रूप में वर्गीकृत किया जाता है
  • इस किले की किस्मत 17वीं शताब्दी में तब बदली जब राजा मानसिंह ने इस पर कब्जा किया इसके लेकर साथ-साथ उन्होंने जयपुर शहर की भी स्थापना की जो भारत की वर्तमान नियोजित शहरों में से प्रसिद्ध है

आमेर किले की 10 अनोखी चीज :-

  • जलेब चौक ,शीला देवी मंदिर, दीवान- ए – आम ,गणेश पोल प्रवेश द्वार ,शीश महल,सुख महल,सुहाग मंदिर,मानसिंह महल में बारादरी, अनोखी संग्रहालय ,लाइट एंड साउंड शो ,जेनान या लेडिज क्वार्टर

(2) हवा महल

  • जयपुर का हवा महल भारत की सबसे विशिष्ट स्मारकों में से एक है यह भी भारत जयपुर का सबसे प्रसिद्ध स्थल है इस इमारत में छोटी-छोटी खिड़कियां है
  • हवा महल जयपुर के पुराने शहर बड़ी चौपड़ में स्थित है
  • यदि आप दिल्ली से हो तो राजस्थान की राजधानी जयपुर दिल्ली से चार-पांच घंटे की दूरी पर स्थित है यहां आप रेल, सड़क मार्ग ,हवाई मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हो

इतिहास :-

  • 1778 से 1803 तक जयपुर पर महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने शासन किया
  • हवा महल के अंदर 953 (झरोखे)खिड़कियां है इस महल में शाही महिलाएं उनके पीछे बैठकर नीचे के शहर को बिना देखे देखती थी खिड़कियों से ठंडी हवा बहती थी इसलिए इस महल का नाम विंड पैलेस पड़ गया
  • हालांकि हवा महल लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से बनाएं लेकिन इसके बाहर 1876 में गुलाबी रंग से रंग गया

(3) सिटी पैलेस

  • सिटी पैलेस भी राजस्थान राज्य में एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र माना जाता है सिटी पैलेस वास्तव में एक बड़ा परिसर है जो की अन्य हॉल ,महलों, उद्यानों ,परिसर ,द्वारों और पवित्र मंदिरों के साथ एक भव्य इमारत के अंदर स्थित है

इतिहास :-

  • सिटी पैलेस का निर्माण 1729 से 1732 के मध्य जयपुर शहर में किया गया था इस महल की विशेष रूप से भगवान की बाहरी वास्तुकला का काम शुरू सवाई जयसिंग द्वितीय ने किया था
  • सिटी पैलेस के अंदर अनेकों प्रकार के उद्यान ,मंडप ,मंदिर है
  • इस जगह के मुख्य आकर्षणों में से चंद्र महल ,मुकुट महल, श्री गोविंद देव जी मंदिर ,महारानी का महल ,मुबारक महल, और सिटी पैलेस संग्रहालय शामिल है

सिटी पैलेस महत्वपूर्ण जानकारी :-

  • सिटी पैलेस जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
  • स्थान – जलेबी चौक, जंतर मंतर के पास त्रिपोलिया बाजार जयपुर ,राजस्थान
  • खुलने का समय – सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
  • प्रवेश शुल्क – भारतीयों के लिए ₹100 ,संग्रहालय के लिए ₹130
  • विदेशियों के लिए ₹500 संग्रहालय के लिए ₹900 वीडियो ग्राफी कैमरे के लिए 150 रुपए अतिरिक्त

(4) जंतर मंतर जयपुर

  • जंतर मंतर जयपुर का एक और प्रमुख पर्यटन स्थल जिसमें दुनिया की सबसे बड़ी पत्थर की धूप घड़ी है 1734 में राजपूत राजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा निर्मित है

इतिहास :-

  • जंतर मंतर दुनिया की सबसे बड़ी वेधशालाओं में से एक है जंतर मंतर का निर्माण महाराजा सवाई जयसिंग द्वितीय ने किया था भारत देश में अलग-अलग हिस्सों में पांच ऐसी वेधशाला बनवाई थी जयपुर ,मथुरा ,दिल्ली ,उज्जैन और वाराणसी जयपुर में वह वेधशाला है जो सबसे बड़ा है जबकि मथुरा में जो अब लगभग खंडहर हो चुका है

टिकट व् खुलने का समय :-

  • जंतर मंतर सुबह 9:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक खुला रहता है आमतौर पर 30 से 45 मिनट के समय में पूरा जंतर मंतर देखा जा सकता है
  • जंतर मंतर भारतीयों के लिए प्रवेश शुल्क ₹50 प्रति व्यक्ति और विदेशियों के लिए ₹200 प्रति व्यक्ति भारतीय छात्रों के लिए प्रवेश लागत ₹15 व्यक्ति और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए ₹25 प्रति व्यक्ति छात्रों को यह छूट आईडी प्रूफ के आधार पर मिलती है

जंतर मंतर में लाइट एंड साउंड शो का समय :-

  • अक्टूबर फरवरी शाम 6:30 बजे से
  • मार्च अप्रैल शाम 7:00 बजे से
  • मई सितंबर शाम 7:30 बजे से

(5) नाहरगढ़ किला

  • राजस्थान के गुलाबी शहर के आसपास के 3 किलो में से एक नाहरगढ़ का किला है

नाहरगढ़ किले का इतिहास :-

  • इस्केले का निर्माण 1734 ईस्वी में सवाई जयसिंह द्वितीय ने करवाया ऐसा कहा जाता है कि इसकी लेकर निर्माण में मृत राजकुमार नाहर सिंह भोमिया के भूत के कारण बाधा आ रही थी जो इस क्षेत्र में रहता था उन्हें प्रसन्न करने के लिए इसके लिए का नाम नाहरगढ़ का किला रखा गया और इसके अंदर उन्हें समर्पित एक मंदिर भी बनवाया गया
  • इसके लिए के अंदर एक सहायक जाना भी स्थापित किया गया था
  • नाहरगढ़ का किला जयपुर शहर के केंद्र के ठीक उत्तर में एक पहाड़ी पर समुद्र तल से 1970 फीट पर स्थित है
  • इसके लिए तक पहुंचाने के लिए दो रास्ते हैं

टिकट व् खुलने समय :-

  • इसकी लेकर मुख्य हिस्से में प्रवेश टिकट की आवश्यकता होती है यह प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है
  • विदेशियों के लिए टिकट ₹200 और भारतीयों के लिए ₹50
  • इसकीले के अंदर और भी बहुत सी जगह है जहां पर आपको शुल्क देना पड़ेगा

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